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तब यहोवा का तेज उस फाटक से होकर जो पूर्वमुखी था, भवन में आ गया।
यह दर्शन उस दर्शन के तुल्य था, जो मैंने उसे नगर के नाश करने को आते समय देखा था; और उस दर्शन के समान, जो मैंने कबार नदी के तट पर देखा था; और मैं मुँह के बल गिर पड़ा।
तब आत्मा ने मुझे उठाकर भीतरी आँगन में पहुँचाया; और यहोवा का तेज भवन में भरा था।