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और यदि तुम आत्मा के चलाए चलते हो तो व्यवस्था के अधीन न रहे।
क्योंकि शरीर आत्मा के विरोध में और आत्मा शरीर के विरोध में लालसा करता है, और ये एक दूसरे के विरोधी हैं; इसलिए कि जो तुम करना चाहते हो वह न करने पाओ।
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात् व्यभिचार, गंदे काम, लुचपन,