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हर एक को जो मेरा कहलाता है, जिसको मैंने अपनी महिमा के लिये सृजा, जिसको मैंने रचा और बनाया है।”
मैं उत्तर से कहूँगा, 'दे दे', और दक्षिण से कि 'रोक मत रख;' मेरे पुत्रों को दूर से और मेरी पुत्रियों को पृथ्वी की छोर से ले आओ;
आँख रहते हुए अंधे को और कान रखते हुए बहरो को निकाल ले आओ!