यशायाह 57:12
विश्वासी के लिए भगवान के डांट और सांत्वनिकता
यशायाह 57:12
मैं आप तेरे धर्म और कर्मों का वर्णन करूँगा, परन्तु उनसे तुझे कुछ लाभ न होगा।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
यशायाह 57:11
तूने किसके डर से झूठ कहा, और किसका भय मानकर ऐसा किया कि मुझको स्मरण नहीं रखा न मुझ पर ध्यान दिया? क्या मैं बहुत काल से चुप नहीं रहा? इस कारण तू मेरा भय नहीं मानती।
अगली आयत
यशायाह 57:13
जब तू दुहाई दे, तब जिन मूर्तियों को तूने जमा किया है वे ही तुझे छुड़ाएँ! वे तो सब की सब वायु से वरन् एक ही फूँक से उड़ जाएँगी। परन्तु जो मेरी शरण लेगा वह देश का अधिकारी होगा, और मेरे पवित्र पर्वत का भी अधिकारी होगा। चंगाई और शान्ति