आयुब 10
आयुब 10

आयुब 10

नौकरी बिल्दाद का जवाब देता है

जॉब बिल्दाद का जवाब देते हैं, जिसमें उन्होंने परमेश्वर के सदैव दुष्टों को दंडित करने के विचार को अवैध ठहराने का सामना किया और उनकी इच्छा व्यक्त की कि परमेश्वर के समक्ष एक निष्पक्ष न्याय का शुद्धिकरण हो।
1“मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है;
2मैं परमेश्‍वर से कहूँगा, मुझे दोषी न ठहरा;
3क्या तुझे अंधेर करना,
4क्या तेरी देहधारियों की सी आँखें हैं?
5क्या तेरे दिन मनुष्य के दिन के समान हैं,
6कि तू मेरा अधर्म ढूँढ़ता,
7तुझे तो मालूम ही है, कि मैं दुष्ट नहीं हूँ,
8तूने अपने हाथों से मुझे ठीक रचा है और जोड़कर बनाया है;
9स्मरण कर, कि तूने मुझ को गुँधी हुई मिट्टी के समान बनाया,
10क्या तूने मुझे दूध के समान उण्डेलकर, और
11फिर तूने मुझ पर चमड़ा और माँस चढ़ाया
12तूने मुझे जीवन दिया, और मुझ पर करुणा की है;
13तो भी तूने ऐसी बातों को अपने मन में छिपा रखा;
14कि यदि मैं पाप करूँ, तो तू उसका लेखा लेगा;
15यदि मैं दुष्टता करूँ तो मुझ पर हाय!
16और चाहे सिर उठाऊँ तो भी तू सिंह के समान मेरा अहेर करता है,
17तू मेरे सामने अपने नये-नये साक्षी ले आता है,
18“तूने मुझे गर्भ से क्यों निकाला? नहीं तो मैं वहीं प्राण छोड़ता,
19मेरा होना न होने के समान होता,
20क्या मेरे दिन थोड़े नहीं? मुझे छोड़ दे,
21इससे पहले कि मैं वहाँ जाऊँ, जहाँ से फिर न लौटूँगा, अर्थात् अंधियारे
22और मृत्यु के अंधकार का देश