पूरा अध्याय पढ़ें
डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं,
दुःखी लोग तो सुखी लोगों की समझ में तुच्छ जाने जाते हैं;
“पशुओं से तो पूछ और वे तुझे सिखाएँगे;