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फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है?
क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती?
देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता,