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मुझे तो रोटी खाने के बदले लम्बी-लम्बी साँसें आती हैं,
उजियाला उस पुरुष को क्यों मिलता है
क्योंकि जिस डरावनी बात से मैं डरता हूँ, वही मुझ पर आ पड़ती है,