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फिर क्या तू उसके साथ आकाशमण्डल को तान सकता है,
जब पृथ्वी पर दक्षिणी हवा ही के कारण से सन्नाटा रहता है
तू हमें यह सिखा कि उससे क्या कहना चाहिये?