पूरा अध्याय पढ़ें
“मैं लिव्यातान के अंगों के विषय,
किस ने मुझे पहले दिया है, जिसका बदला मुझे देना पड़े!
उसके ऊपर के पहरावे को कौन उतार सकता है?