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चाहे वह दुःख भी दे, तो भी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;
क्योंकि प्रभु मन से सर्वदा उतारे नहीं रहता,
क्योंकि वह मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता है और न दुःख देता है।