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लेकिन तुम अपने भाग के सारे देश में भूमि को छुड़ाने देना।
“भूमि सदा के लिये बेची न जाए, क्योंकि भूमि मेरी है; और उसमें तुम परदेशी और बाहरी होंगे।
“यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल होकर अपनी निज भूमि में से कुछ बेच डाले, तो उसके कुटुम्बियों में से जो सबसे निकट हो वह आकर अपने भाईबन्धु के बेचे हुए भाग को छुड़ा ले।