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और उसकी घात में लगे रहे, कि उसके मुँह की कोई बात पकड़ें।
जब वह वहाँ से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे,