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सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उसकी सुनें।
और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ाकर कहने लगे, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।”