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और बहुतों ने अपने कपड़े मार्ग में बिछाए और औरों ने खेतों में से डालियाँ काट-काट कर फैला दीं।
और उन्होंने बच्चे को यीशु के पास लाकर उस पर अपने कपड़े डाले और वह उस पर बैठ गया।
और जो उसके आगे-आगे जाते और पीछे-पीछे चले आते थे, पुकार-पुकारकर कहते जाते थे, “होशाना; धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है।