पूरा अध्याय पढ़ें
उसने उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूँ, मैं तुम्हें नहीं जानता।
इसके बाद वे दूसरी कुँवारियाँ भी आकर कहने लगीं, ‘हे स्वामी, हे स्वामी, हमारे लिये द्वार खोल दे।’
इसलिए जागते रहो, क्योंकि तुम न उस दिन को जानते हो, न उस समय को।