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जो परदेशी का उत्तरदायी होता है, वह बड़ा दुःख उठाता है,
जहाँ बुद्धि की युक्ति नहीं, वहाँ प्रजा विपत्ति में पड़ती है;
अनुग्रह करनेवाली स्त्री प्रतिष्ठा नहीं खोती है,