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जो अपने धन पर भरोसा रखता है वह सूखे पत्ते के समान गिर जाता है,
जो यत्न से भलाई करता है वह दूसरों की प्रसन्नता खोजता है,
जो अपने घराने को दुःख देता, उसका भाग वायु ही होगा,