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निर्बल लोगों को खेती-बारी से बहुत भोजनवस्तु मिलता है,
भला मनुष्य अपने नाती-पोतों के लिये सम्पत्ति छोड़ जाता है,
जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है,