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ठट्ठा करनेवाला डाँटे जाने से प्रसन्न नहीं होता,
जब कि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं,
मन आनन्दित होने से मुख पर भी प्रसन्नता छा जाती है,