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ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को सीधा जान पड़ता है,
मनभावने वचन मधुभरे छत्ते के समान प्राणों को मीठे लगते,
परिश्रमी की लालसा उसके लिये परिश्रम करती है,