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कुकर्मी अनर्थ बात को ध्यान देकर सुनता है,
चाँदी के लिये कुठाली, और सोने के लिये भट्ठी हाती है,
जो निर्धन को उपहास में उड़ाता है, वह उसके कर्त्ता की निन्दा करता है;