पूरा अध्याय पढ़ें
मनुष्य का पेट मुँह की बातों के फल से भरता है;
चिढ़े हुए भाई को मनाना दृढ़ नगर के ले लेने से कठिन होता है,
जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं,