पूरा अध्याय पढ़ें
क्या तू बातें करने में उतावली करनेवाले मनुष्य को देखता है?
दास बातों ही के द्वारा सुधारा नहीं जाता,
जो अपने दास को उसके लड़कपन से ही लाड़-प्यार से पालता है,