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जैसे पिता अपने प्रिय पुत्र को डाँटता है,
हे मेरे पुत्र, यहोवा की शिक्षा से मुँह न मोड़ना,
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे,