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मैंने एक दिन अपने घर की खिड़की से, अर्थात् अपने झरोखे से झाँका,
तब तू पराई स्त्री से बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है।
तब मैंने भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा;