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जब न तो गहरा सागर था,
मैं सदा से वरन् आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि से पहले ही से ठहराई गई हूँ।
जब पहाड़ और पहाड़ियाँ स्थिर न की गई थीं,