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तब पीनहास ने उठकर न्यायदण्ड दिया,
यों उन्होंने अपने कामों से उसको क्रोध दिलाया,
और यह उसके लेखे पीढ़ी से पीढ़ी तक सर्वदा के लिये धर्म गिना गया।