पूरा अध्याय पढ़ें
हमारे खत्ते भरे रहें, और उनमें भाँति-भाँति का अन्न रखा जाए,
हमारे बेटे जवानी के समय पौधों के समान बढ़े हुए हों,
तब हमारे बैल खूब लदे हुए हों;