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मैं नीतिवचन की ओर अपना कान लगाऊँगा,
मेरे मुँह से बुद्धि की बातें निकलेंगी;
विपत्ति के दिनों में मैं क्यों डरूँ जब अधर्म मुझे आ घेरे?