पूरा अध्याय पढ़ें
देखो, फिर तो मैं उड़ते-उड़ते दूर निकल जाता
तब मैंने कहा, “भला होता कि मेरे कबूतर के से पंख होते
मैं प्रचण्ड बयार और आँधी के झोंके से