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वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं;
वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा-लगाकर मरोड़ते रहते हैं;
क्या वे बुराई करके भी बच जाएँगे?