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परन्तु जैसा लिखा है, वैसा ही हो,
पर मेरे मन की उमंग यह है, कि जहाँ-जहाँ मसीह का नाम नहीं लिया गया, वहीं सुसमाचार सुनाऊँ; ऐसा न हो, कि दूसरे की नींव पर घर बनाऊँ।
इसलिए मैं तुम्हारे पास आने से बार-बार रोका गया।