रोमियों किताब 3:5

सब ने पाप किया है और भगवान की महिमा से अधिकार में गिर गए।

रोमियों किताब 3:5

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पर यदि हमारा अधर्म परमेश्‍वर की धार्मिकता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें? क्या यह कि परमेश्‍वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? (यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूँ)।