पूरा अध्याय पढ़ें
कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ?
तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो?
क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया?