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क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है,
इस प्रकार से मैंने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्टि की,
इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा;