प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:3
रोम में आगमन और पॉल की घर में बंदी.
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:3
जब पौलुस ने लकड़ियों का गट्ठा बटोरकर आग पर रखा, तो एक साँप आँच पा कर निकला और उसके हाथ से लिपट गया।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:2
और वहाँ के निवासियों ने हम पर अनोखी कृपा की; क्योंकि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण, उन्होंने आग सुलगाकर हम सब को ठहराया।
अगली आयत
प्रेरितों के कामों का अनुसार (Preriton Ke Kamo Ka Anusar) 28:4
जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।”