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जिसमें हमें छुटकारा अर्थात् पापों की क्षमा प्राप्त होती है।
उसी ने हमें अंधकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया,
पुत्र तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि में पहलौठा है।