अभिज्ञानशास्त्र 5:1

धन की निरर्थकता

अभिज्ञानशास्त्र 5:1

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जब तू परमेश्‍वर के भवन में जाए, तब सावधानी से चलना; सुनने के लिये समीप जाना मूर्खों के बलिदान चढ़ाने से अच्छा है; क्योंकि वे नहीं जानते कि बुरा करते हैं।