उपद्रवि (Upadravi) 38:17
कांस्य कलशः
उपद्रवि (Upadravi) 38:17
और खम्भों की कुर्सियाँ पीतल की, और घुंडियाँ और छड़ें चाँदी की बनीं, और उनके सिरे चाँदी से मढ़े गए, और आँगन के सब खम्भे चाँदी के छड़ों से जोड़े गए थे।
आसन्न आयतें
पिछली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 38:16
आँगन की चारों ओर सब पर्दे सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े के बने हुए थे।
अगली आयत
उपद्रवि (Upadravi) 38:18
आँगन के द्वार के पर्दे पर बेल बूटे का काम किया हुआ था, और वह नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का; और सूक्ष्म बटी हुई सनी के कपड़े के बने थे; और उसकी लम्बाई बीस हाथ की थी, और उसकी ऊँचाई आँगन की कनात की चौड़ाई के सामान पाँच हाथ की बनी।