उत्पत्ति 1:2

सृष्टि

उत्पत्ति 1:2

पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी, और गहरे जल के ऊपर अंधियारा था; तथा परमेश्‍वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डराता था।