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लिआ के तो धुन्धली आँखें थीं, पर राहेल रूपवती और सुन्दर थी।
लाबान की दो बेटियाँ थी, जिनमें से बड़ी का नाम लिआ और छोटी का राहेल था।
इसलिए याकूब ने, जो राहेल से प्रीति रखता था, कहा, “मैं तेरी छोटी बेटी राहेल के लिये सात वर्ष तेरी सेवा करूँगा।”