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और एक सौ पचास दिन के पश्चात् जल पृथ्वी पर से लगातार घटने लगा।
गहरे समुंद्र के सोते और आकाश के झरोखे बंद हो गए; और उससे जो वर्षा होती थी वह भी थम गई।
सातवें महीने के सत्रहवें दिन को, जहाज अरारात नामक पहाड़ पर टिक गया।