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दुष्ट अपना नाश अपनी ही आँखों से देखे,
'परमेश्वर उसके अधर्म का दण्ड उसके बच्चों के लिये रख छोड़ता है,'
क्योंकि जब उसके महीनों की गिनती कट चुकी,