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जैसा जाड़े के दिनों में किसी का वस्त्र उतारना या सज्जी पर सिरका डालना होता है,
विपत्ति के समय विश्वासघाती का भरोसा,
यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसको रोटी खिलाना;