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चाहे तू मूर्ख को अनाज के बीच ओखली में डालकर मूसल से कूटे,
जैसे चाँदी के लिये कुठाली और सोने के लिये भट्ठी हैं,
अपनी भेड़-बकरियों की दशा भली-भाँति मन लगाकर जान ले,