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जहाँ दर्शन की बात नहीं होती, वहाँ लोग निरंकुश हो जाते हैं,
अपने बेटे की ताड़ना कर, तब उससे तुझे चैन मिलेगा;
दास बातों ही के द्वारा सुधारा नहीं जाता,