पूरा अध्याय पढ़ें
उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन् बहुत ही थोड़े,
“मैं कनान देश को तुझी को दूँगा, वह बाँट में तुम्हारा निज भाग होगा।”
वे एक जाति से दूसरी जाति में,