पूरा अध्याय पढ़ें
वे टुकड़े के लिये मारे-मारे फिरते,
वे सांझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते,
परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊँगा,