पूरा अध्याय पढ़ें
“कितनी बार ऐसे होता है कि दुष्टों का दीपक बुझ जाता है,
देखो, उनका कुशल उनके हाथ में नहीं रहता,
वे वायु से उड़ाए हुए भूसे की,